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स्वाध्याय का स्वास्थ्य पर प्रभाव

  स्वाध्याय का महत्व मनुष्य को अच्छे सम्मानयुक्त और सुखकारी जीवन की शिक्षा देने वाले साहित्य का अध्ययन स्वाध्याय कहलाता है। ऐसा साहित्य सभी देशों और सभी भाषाओं में पाया जाता दिन के किसी भाग में सम्भव हो तो प्रभात में अथवा रात्रि के समय सोने से पूर्व कुछ समय तक स्वाध्याय करना मनुष्य में अच्छी प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करता है, निराशा को दूर करता है और उसे जीवन के संग्राम में विजयी होने के योग्य बनाता है। स्वाध्याय सत्संग का ही विस्तृत रूप है। जीवित सज्जनों का संग सत्संग कहलाता है, और जो सज्जन हम में पूर्व हो गये हैं उन के ग्रन्थों द्वारा उनके सत्संग को स्वाध्याय कहते हैं। प्राचीन लेखकों ने सभी प्रकार के ग्रन्थ लिखे हैं। ऐसे भी लिखे हैं, जो मनुष्य को ऊंचा उठाने और कर्मण्य बनाने वाले हों और ऐसे भी लिखे हैं जो उसे विषयवासना के गर्त में गिराने वाले हों। वर्तमान लेखकों के ग्रन्थ तथा लेख भी इन्हीं "दो श्रेणियों में बाटे जा सकते हैं। उन में से जो ग्रन्थ मनुष्य को अच्छी और हितकर शिक्षा देने वाले हैं उन का अध्ययन करने से मनुष्य दोषों से बचता है और सच्चे सुख को प्राप्त करता है। प्रतिदिन थो...

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बसंत ऋतुचर्या

Here AROGYAM AYURVEDIC CLINIC We are not treating your disease or health issue but we will promote your health on another level and helps you to live your life without any ailment but healthy and happily.as a result of that u dont have to take medicines for long .Patient suffering from diabetes mallitus for 12 years. Few weeks of life style changes,diet plan and ayurvedic treatment patient is feeling so much energetic and healthy as you can see in the report below too.

Try some healthier home made version of sweets.. offcourse in moderation. Jaggery til ladoos enjoy winters.

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शिशिर ऋतु चर्या