डेंगू: एक गंभीर रोग पर आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से विस्तृत जानकारी


 


डेंगू: एक गंभीर रोग पर आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से विस्तृत जानकारी


🔶 परिचय


डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो Aedes aegypti मच्छर के काटने से फैलता है। यह रोग विशेषकर वर्षा ऋतु और उसके बाद के मौसम में तेजी से फैलता है। आयुर्वेद में इसे “दंदक ज्वर” या “विषम ज्वर” की श्रेणी में माना जाता है, जो वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन के कारण उत्पन्न होता है।



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🔶 डेंगू के कारण (आयुर्वेदिक परिप्रेक्ष्य में)


आयुर्वेद में डेंगू के मूल कारणों को निम्न रूप में देखा जाता है:


●दूषित जलवायु और वातावरण


●मच्छरों के काटने से विष का प्रभाव (विषविकार)


●शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी (ojas क्षय)


●रक्त और यकृत (liver) दोषों का बढ़ जाना


●दूषित भोजन, अनियमित दिनचर्या, और विषैले जीवाणुओं का प्रभाव




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🔶 डेंगू के लक्षण (Ayurvedic Symptoms of Dengue)


●डेंगू के प्रमुख लक्षण आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से निम्नलिखित हैं:


●तेज बुखार (विषम ज्वर)


●सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द


●मांसपेशियों और जोड़ों में तीव्र दर्द (जिसे "हड्डी तोड़ बुखार" भी कहते हैं)


●शरीर पर लाल चकत्ते (ताम्रवर्ण पिड़िका)


●जी मिचलाना, उल्टी


●भूख में कमी


●नाक से या मसूड़ों से रक्त आना (रक्तपित्त के लक्षण)


●प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट (rakta kshaya)




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🔶 डेंगू की रोकथाम के आयुर्वेदिक उपाय


डेंगू से बचाव के लिए आयुर्वेदिक दृष्टि से निम्न उपाय अपनाने चाहिए:


✅ 1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं:


●गिलोय (Tinospora cordifolia): प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने वाली उत्तम औषधि


●तुलसी: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ विषनाशक भी है


●आंवला: विटामिन C का श्रेष्ठ स्रोत, रक्तवर्धक



✅ 2. वातावरण शुद्ध रखें:


●घर के आस-पास पानी जमा न होने दें


●नीम के पत्तों को जलाकर धुआं करें


●कपूर और अजवाइन का धूपन करें



✅ 3. मच्छरों से बचाव करें:


●सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें


●नीम तेल मिलाकर शरीर पर लगाएं


●प्राकृतिक मच्छर भगाने वाले धूप, लोशन या स्प्रे का प्रयोग करें



✅ 4. रक्तशुद्धि एवं प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक उपाय:


●पपीते के पत्तों का रस: प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक


●गिलोय सत्व और एलोवेरा रस: रक्त की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार

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🔶 डेंगू में क्या न करें? (Do's and Don’ts in Ayurveda)


❌ क्या न करें:


●तली-भुनी और भारी चीज़ें न खाएं


●शरीर को अत्यधिक श्रम से बचाएं


●बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा न लें



✅ क्या करें:


●हल्का, सुपाच्य भोजन करें


●खूब पानी पिएं, नारियल पानी और फल रस लें


●चिकित्सकीय निगरानी में रहें




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🌿 निष्कर्ष


डेंगू एक गंभीर लेकिन नियंत्रित किया जा सकने वाला रोग है। आयुर्वेद में इसकी रोकथाम और उपचार की समृद्ध परंपरा है जो रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर, विष को शरीर से निकालकर और रक्त को शुद्ध करके राहत प्रदान करती है। समय पर सही उपाय और जीवनशैली में बदलाव से इस रोग से बचाव और उपचार संभव है।



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डॉ. सुनील उपाध्याय  – आयुर्वेदाचार्य

डॉ. अभिलाषा उपाध्याय - आयुर्वेदाचार्य

विशेषज्ञता: ज्वर, चर्म रोग, पाचन विकार, वात रोग, शारीरिक दुर्बलता ,नपुंसकता , स्त्री रोग , बाल रोग , पुराने गंभीर रोग आदि।

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