वर्षा ऋतुचर्या (Healthy life style in rainy season)

 वर्षा ऋतुचर्या (Healthy life style in rainy season)







समय - श्रावण, भाद्रपद (जुलाई , अगस्त )

सम्भावित राेेग - 

* भूख कम लगना

*जोड़ों के दर्द

*गठिया

*सूजन

*खुजली

*फोड़े-फुंसी

*दाद

*पेट में कीड़े

*नेत्राभिष्यन्द (आंख आना)

*मलेरिया

*टाइफाइड

*दस्त आदि रोग होने की सम्भावना रहती है।

पथ्य आहार-विहार

●अम्ल, लवण, स्नेहयुक्त भोजन

●पुराने धान्य (चावल, जौ, गेंहू) तथा मांस रस 

●घी एवं दूध का प्रयोग

●छाछ में बनाई गई बाजरा या मक्का की रबड़ी

●कद्दू, बैंगन, परवल, करेला, लौकी, तुरई, अदरक, जीरा, मैथी, लहसुन का सेवन हितकर है।

●संशोधित जल का प्रयोग करना चाहिए, कुंआ, तालाब और नदी के जल का प्रयोग बिना शुद्ध किये नहीं करना चाहिए। पानी को उबाल कर उपयोग में लेना श्रेष्ठ है।

●भीगने से बचें, भीगने पर शीघ्र सूखे कपड़े पहने

●नंगे पैर, गीली मिट्टी या कीचड़ में नहीं जाना चाहिए

● सीलन युक्त स्थान पर नहीं रहना चाहिए तथा बाहर से लौटने पर पैरों को अच्छी तरह धोकर पोंछ लेना चाहिए।

●तैल की मालिश करना हितकर है तथा कीट-पतंग एवं मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग हितकर है।

अपथ्य आहार-विहार

●चावल, आलू, अरबी, भिण्डी तथा पचने में भारी आहार

● द्रव्यों का प्रयोग

●बांसी भोजन

●दही

● मांस

● मछली

●अधिक तरल पदार्थ

● शराब आदि का सेवन अहितकर है तथा तालाब एवं
नदी के जल का सेवन उचित नहीं है।

●दिन में सोना

●रात में जागना

●खुले में सोना

●अधिक व्यायाम

● धूप सेवन

●अधिक परिश्रम

●अधिक सहवास

● अज्ञात नदी जलाशय में स्नान एवं तैरना अहितकर है।

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