मांसाहार से मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य को हानियाँ :

 मांसाहार से मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य को हानियाँ :



1. हृदय रोग


2013 में पूरा हुआ, 45,000 स्वयंसेवकों के 11 साल के अध्ययन में पाया गया कि शाकाहारी भोजन से हृदय रोग के खतरे को 32 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है । ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता फ्रांसेस्का क्रो का मानना ​​है कि यह कम जोखिम शाकाहारियों में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप कम होने के कारण है। 


2. कैंसर


2015 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कैंसर के खतरे की एक ही श्रेणी में एस्बेस्टस और धूम्रपान सिगरेट के रूप में संसाधित मीट को रखा। पिछले अध्ययनों में  मांस की खपत और कैंसर के बढ़ते खतरे के बीच संबंध को प्रमाणित किया गया है। वास्तव में, एक अध्ययन में पाया गया कि उन महिलाओं की तुलना में जो सप्ताह में एक बार रेड मीट परोसती हैं, जिन महिलाओं ने एक दिन में 1.5 मीट रेड मीट खाया, उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा 22 प्रतिशत अधिक था  । 


3. स्ट्रोक


क्योंकि मांस रक्त वाहिकाओं में रुकावट का कारण बनता है, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह स्ट्रोक की ओर जाता है। विशेष रूप से रेड मीट के सेवन से इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा 47 प्रतिशत तक बढ़ गया है । 


4. मधुमेह


शोधकर्ताओं के अनुसार , मधुमेह के लिए मांस "सबसे अच्छी तरह से स्थापित आहार जोखिम कारकों में से एक" है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लाल या प्रसंस्कृत मांस के मामूली सेवन से भी टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है - एक बीमारी जो दुर्बल स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है, जिसमें अंधापन, गुर्दे की विफलता, दिल के दौरे और स्ट्रोक शामिल हैं।


5. मोटापा


एडिलेड  डॉक्टरेट छात्र के एक  विश्वविद्यालय ने पाया कि मांस दुनिया भर में मोटापे के प्रसार में योगदान करता है । अनुसंधान में पाया गया कि मांस प्रोटीन , वसा और कार्बोहाइड्रेट की तुलना में बाद पचता है, प्रोटीन से प्राप्त अतिरिक्त ऊर्जा मानव शरीर में वसा के रूप में परिवर्तित और संग्रहीत होती है। विश्व मे मोटापे के प्रसार में मांसाहार का योगदान लगभग 13 प्रतिशत बताया गया है।


6. हानिकारक कोलेस्ट्रॉल


हानिकारक कोलेस्ट्रॉल से धमनियों और हृदय रोग हो सकते हैं, लेकिन चूंकि यह केवल पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, शाकाहारी भोजन में शून्य कोलेस्ट्रॉल होता है। 


7. मुंहासे


अध्ययनों के लेखकों के अलग-अलग सिद्धांत हैं कि दूध मुँहासे क्यों बढ़ाता है। कुछ का सुझाव है कि क्योंकि खपत अधिकांश दूध गर्भवती गायों से आता है, गर्भावस्था के हार्मोन तेल उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे मुँहासे होते हैं। दूसरों को संदेह है कि दूध ही इंसुलिन में वृद्धि को ग्रहण करता है, जैसा कि उच्च ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ करते हैं, जिससे तेल उत्पादन और मुँहासे होते हैं। बावजूद, यह स्पष्ट है कि त्वचा को साफ़ करने की कुंजी शाकाहार है।


8. इरेक्टाइल डिसफंक्शन


कई अध्ययनों में पाया गया है कि मांस के सेवन से हृदय रोग और उच्च रक्तचाप होता है। ये स्थितियां न केवल हृदय और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को कम करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा और स्ट्रोक होता है, बल्कि लिंग और भगशेफ (clitoris)सहित पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह में कमी आती है । इन क्षेत्रों में रक्त के प्रवाह के बिना, लिंग उत्थान और कामोत्तेजना में कमी आ जाती है।


9. अल्जाइमर रोग


सनलाइट, न्यूट्रीशन एंड हेल्थ रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने पाया कि मांसाहार से अल्जाइमर रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है । अल्जाइमर रिसर्च यूके में शोध के निदेशक डॉ साइमन रिडले ने कहा कि अध्ययनों ने फलों, सब्जियों और नट्स से भरपूर शाकाहार से इस समस्या से बचा जा सकता हैं।


10. छोटा जीवनकाल


आपने सही पढ़ा! मेयो क्लिनिक के शोधकर्ताओं ने कई अध्ययनों की समीक्षा की और पाया कि छोटी अवधि के शाकाहारियों की तुलना में, 17 साल से अधिक के शाकाहारी भोजन पर लोगों ने 3.6 साल की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि का आनंद लिया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि "चिकित्सकों को रोगियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे जानवरों के उत्पादों को सीमित करें और मांस की तुलना में अधिक पौधों का उपभोग करें।"


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EPW Theory


दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन वैज्ञानिकों प्रोफेसर मदन मोहन बजाज , प्रोफेसर विजय राज और डॉक्टर इब्राहिम ने मिलकर 1995 में रूस में एक रिसर्च present कि जिसमे उन्होंने Prove किया कि भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आने का कारण है , Einstein Pain waves |


इसे bis theory नाम भी दिया गया है |


ये Einstein Pain Waves तब emit होती है जब भी किसी पशु को मारा जाता है।


तब उसकी pain से भी एक wave निकलती है।


इन वैज्ञानिकों के अनुसार जब बहुत अधिक मात्रा में पशुओं को मारा जाता है तब ये waves और ज्यादा intensify हो जाती है


जिसके कारण ही भूकंप आता है |


लेकिन इन waves का भूकंप आने के पीछे कारण क्या है इसे हम आगे देखें |


सबसे पहले इस Einstein pain wave Theory के बारे में कुछ facts देख लेते हैं -


• इस Theory के अनुसार एक बूचड़खाने से निकलने वाली pain wave कि energy लगभग 1040 KW तक होती है | Einstein Pain wave ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचती है


• Pro. मदन मोहन बजाज ने इस theory को


mathematically


भी


prove किया है । इन्ही waves के कारण earth's crust में radon गैस release होती है।


Einstein ने कभी pain waves के बारे में बात नहीं की । लेकिन शायद इस विषय में वे कुछ कार्य करना चाहते थे , सम्भव है इसलिए उनके सम्मान में इसका नाम Einstein pain wave रखा गया हो।


जैसा कि बताया गया हैं कि भूकंप का कारण Convective Currents हैं।


इन वैज्ञानिकों के अनुसार Radon गैस रिलीज होने के कारण ही Tectonic Plates आपस मे टकराती हैं या उनमें हलचल होती हैं |


कुछ चीन और जापान के वैज्ञानिकों ने रेडॉन गैस


के release होने के कारण भूकंप आने को Experimentally भी Verify किया है |


ऐसे में हम मान सकते हैं इन वैज्ञानिकों कि रिसर्च सही दिशा में हो सकती है।


अंत में निष्कर्ष ये निकलता है कि हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के अलावा, मांस सचमुच  हमारे ग्रह को मार रहा है  और अकल्पनीय पशु पीड़ा का कारण बनता हैं।

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